जोगर्स पार्क
जोगर्स पार्क
24-02-2022
यह मेरा पहला 'ट्रैवलॉग' है, या फिर कहूँ कि पहला 'यात्रा वृतांत' है। वैसे तो ट्रैवलॉग के कईं फायदे हैं - अपने सफर की यादें सँजो सकते हैं या फिर जहां आप गए हो, उसके बारे में जानकारी दे कर औरों को भी वो जगह देखने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं । अपने मन की बात, अपने विचार और अपनी भावनाएँ ... उस कहानी को साझा तो कर ही सकते हैं। मेरे साथी, डॉ. चोपड़ा ने मुंबई में बांद्रा में स्थित जोगर्स पार्क की बहुत तारीफ़ की थी और इसलिए एक दिन की सुबह की सैर का प्रोग्राम जोगर्स पार्क में रखा गया। मैं इतना उत्तेजित था, कि तड़के सुबह पाँच बजे ही उठ गया और झटपट तैयार हो भायखला से गाड़ी ले निकल पड़ा। मास्क और सीट बेल्ट भी लगा ली थी कि कहीं रास्ते में कोई मामा नाके पर न रोक ले। मोबाईल में 'जी पी एस' लगाया और करीब 20 मिनट में ही मैं जोगर्स पार्क के गेट तक पहुँच गया। अभी थोड़ा अंधेरा ही था, इसलिए रोशनी से एंट्री गेट जगमगा रहा था।
जोगर्स पार्क का मनमोहक एंट्री गेट |
एक बात से हैरानी हुई कि जोगर्स पार्क के अंदर जाने के लिए कोई एंट्री शुल्क नहीं है। शायद इसी बात से लोग पार्क में घूमने के लिए प्रेरित हो जाएं। बस तभी, डॉ. प्रवीण चोपड़ा भी वहाँ पहुँच गए और हम फौरन अंदर चल दिए।अंदर दाखिल होते ही एक खूबसूरत रनिंग ट्रैक देखने को मिला, जिस पर कुछ लोग मॉर्निंग वॉक कर रहे थे। डॉ. साहेब ने बताया कि 'जोगर्स पार्क' नाम से एक फिल्म भी बनी है, जिसमे एक रिटायर्ड जज को एक मॉडेल युवती से प्यार हो जाता है। बाद में गूगल बाबा पर ढूंढा तो मालूम हुआ कि 'जोगर्स पार्क' वर्ष २००३ में रिलीज हुई एक बॉलीवुड फिल्म है, जिसका निर्देशन अनंत बलानी और लेखन सुभाष घई ने किया है।
रनिंग ट्रैक ... जैसे एक रेड कार्पेट |
तड़के सुबह रनिंग ट्रैक का दृश्य |
जोगर्स पार्क में ओपन एयर जिम |
जोगर्स पार्क के दूसरी ओर अथाह समुद्र है, लहरें आती जाती हैं। दूर क्षितिज दिखाई देता है ... शाम को सूर्यास्त के समय शायद ज्यादा भीड़ रहती होगी। बायीं ओर सी-लिंक भी दिखाई पड़ता है। हमें जोगर्स पार्क बहुत साफ सुथरा लगा। थोड़ी देर बैठ कर दो-चार लंबी लंबी साँसे भर ली अपने फेफड़ों में। अब सुबह पूरी तरह से हो चुकी थी ... वॉकिंग ऐप पर नज़र गई तो 3.99 किलोमीटर की सैर भी अपने खाते में आ चुकी थी ... सोचा कि अब वापस चला जाए। इतनी सारी मधुर यादों को संभालते हुए हम दोनों बाहर निकले और नींबू पानी पिया और एक एक केला खा कर, गाड़ी भायखला वापस जाने के लिए स्टार्ट कर दी।
मेरे ब्लॉग गुरु |
दूर दूर तक फैला समुद्र और बायीं ओर सी-लिंक |
हर एक की अपनी कहानी है। न जाने कितनी कहानियाँ यह जोगर्स पार्क अपने दामन में छुपाए बैठा है।
आइए चलते चलते , जोगर्स पार्क फिल्म का ही एक गीत सुन लें -
"इश्क होता नहीं, सभी के लिए
यह बना है, यह बना है, किसी किसी के लिए
हां, इश्क होता नहीं सभी के लिए ... "
सर आपने इतने मनमोहक ढंग से यात्रा वृतांत लिखा है की अगले रविवार को आपकी अनुमति से मैं भी जोगर्स पार्क देखकर आऊंगा। आप ऐसे ही लिखा करे और मुंबई की अच्छी अच्छी जगहों का परिचय हमसे करवाया करे। धन्यवाद
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