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मुंबई महालक्ष्मी रेस कोर्स

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  मुंबई महालक्ष्मी रेस कोर्स  30-10-2022 बड़े दिनों से इच्छा थी कि रेस कोर्स जा कर सुबह सैर की जाए, परंतु इस साल बारिश का मौसम कुछ लंबा ही खिंच गया और फिर समय की भी मारामारी रहती है। आदमी सोचता है कि बस थोड़े में और जल्दी में ही काम चल जाए, इसलिए निर्मल पार्क का रनिंग ट्रैक बखूबी काम आता है। लेकिन आज तड़के उठा तो मूड और मिज़ाज मस्त था और रविवार की छुट्टी, तो सोचा  कि चलो मुंबई रेस कोर्स में खुली हवा खा आते हैं।      रेस कोर्स की तरफ जाता हुआ रास्ता  अंदर दाखिल होते ही खूबसूरत नज़ारा  संडे सुबह कौन इतनी जल्दी उठता है? संडे तो आराम और रीलैक्स करने का दिन होता है। पर घोड़ों का रूटीन अलग होता है, उन्हें तो संडे हो या मंडे, चार-पाँच बजे ही उठा कर सैर कराई जाती है। रेस कोर्स में दाखिल होते ही घोड़ों की हलचल और उनको कंट्रोल करते हुए ट्रैनर्स देखने को मिले। कुछ लोग हॉर्स राइडिंग करना सीख रहे थे।                  घोड़ों का ट्रैनिंग सेंटर  हॉर्स राइडिंग     मैंने भी मोबाईल पर 'नाइकी रनिंग एप' ऑन किया और वॉकिंग करने लंबे गोल ट्रैक पर चल दिया। एक गोल चक्कर दो या सवा दो किलोमीटर के आसपास का है, देख

प्रियदर्शनी पार्क, मुंबई

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प्रियदर्शनी पार्क प्रकृति के सुन्दर नज़ारों के साथ खेलों का संगम कराता है। साउथ मुंबई में स्थित, प्रियदर्शनी पार्क और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पीछे, यूं तो चार दशकों के संघर्ष और संकल्प की एक रोचक कहानी है। कहते हैं कि सन् 1970 में इस पार्क को रेक्लमैशन लैंड पर बनाया गया था। लेकिन महाराष्ट्र सरकार इसे दूसरे नरीमन पॉइंट में बदलना चाहती थी और साथ ही 'मुंबई बिल्डर्स लाबी' की भी इस पर नज़र थी। फिर एक जन आंदोलन शुरू हुआ और इस भूमि को खेल के मैदान, पार्क और खेल सुविधाओं के लिए नगर पालिका को सौंप दिया गया। बीएमसी और मलाबार हिल सिटिज़न फोरम के बीच एक समझौता किया गया और देखते ही देखते अरब सागर के किनारे एक खूबसूरत पार्क और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तैयार हो गया ...समुद्र, आकाश, पार्क और खेल का अद्भुत संगम।   'प्रकृति का आनंद उठाने के लिए पार्क में बैठने की पर्याप्त सुविधा है'  जैसे ही प्रियदर्शनी पार्क में मैने प्रवेश किया, मुझे एक शांत वातावरण का एहसास हुआ। मुंबई के भीड़-भाड़ और शोर-शराबे से दूर यह अचानक कहाँ आ गया मैं ? इसी उलझन में था कि सामने प्रियदर्शनी पार्क की फिलोसोफी पढ़ने को मिल

जोगर्स पार्क

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जोगर्स पार्क  24-02-2022  यह मेरा पहला 'ट्रैवलॉग' है, या फिर कहूँ कि पहला 'यात्रा वृतांत' है। वैसे तो ट्रैवलॉग के कईं फायदे हैं - अपने सफर की यादें सँजो सकते हैं या फिर जहां आप गए हो, उसके बारे में जानकारी दे कर औरों को भी वो जगह देखने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं । अपने मन की बात, अपने विचार और अपनी भावनाएँ ... उस कहानी को साझा तो कर ही सकते हैं। मेरे साथी, डॉ. चोपड़ा ने मुंबई में बांद्रा में स्थित जोगर्स पार्क की बहुत तारीफ़ की थी और इसलिए एक दिन की सुबह की सैर का प्रोग्राम जोगर्स पार्क में रखा गया। मैं इतना उत्तेजित था, कि तड़के सुबह पाँच बजे ही उठ गया और झटपट तैयार हो भायखला से गाड़ी ले निकल पड़ा। मास्क और सीट बेल्ट भी लगा ली थी कि कहीं रास्ते में कोई मामा नाके पर न रोक ले। मोबाईल में 'जी पी एस' लगाया और करीब 20 मिनट में ही मैं जोगर्स पार्क के गेट तक पहुँच गया। अभी थोड़ा अंधेरा ही था, इसलिए रोशनी से एंट्री गेट जगमगा रहा था।  जोगर्स पार्क का मनमोहक एंट्री गेट  एक बात से हैरानी हुई कि जोगर्स पार्क के अंदर जाने के लिए कोई एंट्री शुल्क नहीं है। शायद इसी बात से लोग प